Wednesday, May 6, 2020

संज्ञा, सर्वनाम और उनके प्रकार कक्षा 6

संज्ञा की परिभाषा- जिस शब्द से किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा भाव इत्यादि का बोध होता है, उसे संज्ञा कहते हैं

संज्ञा के तीन भेद हैं:-
1.व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.जातिवाचक संज्ञा
 3.भाववाचक संज्ञा

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा :- जिन संज्ञा शब्दों से किसी विशेष स्थान, वस्तु अथवा व्यक्ति का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे राम, मोहन, महात्मा गांधी, नेपाल, भारत, हिमालय, पृथ्वी, जनवरी, ताजमहल आदि।

2.जातिवाचक संज्ञा :- जिन संज्ञा शब्दों से किसी प्राणी वस्तु अथवा पदार्थ की पूरी जाति का बोध होता हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - विद्यार्थी, देश, पर्वत, नदी महीना, पशु, स्त्री, अध्यापक, कर्मचारी, देवता, मित्र, ईश्वर आदि।

भाववाचक संज्ञा :-  जिन संज्ञा शब्दों से भाव, दशा, स्थिति, गुण अथवा विशेषता आदि का बोध होता हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे खुशी, उदासी, ईमानदारी, सच्चाई, सुख, दुःख, जीत, आनंद, मिठास आदि।

संज्ञा के दो अन्य भेद भी हैं-
1. द्रव्यवाचक संज्ञा :- जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव्य पदार्थ अथवा धातु का बोध होता है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - मिट्टी, सोना, चांदी, दूध, पानी गेहूं, घी, आदि।

समुदाय वाचक या समूहवाचक संज्ञा :- जिन संज्ञा शब्दों से व्यक्ति वस्तुओं प्राणियों या पदार्थों के समूह या समुदाय का बोध होता है, उसे समूहवाचक अथवा समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- जनता, जुलूस, भीड़, झुंड,  ढेर, कक्षा आदि।

भाववाचक संज्ञाएँ  चार प्रकार के शब्दों से बनती हैं-
1. जातिवाचक संज्ञा से
2.विशेषण से
3. सर्वनाम से
4.क्रिया से

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने के उदाहरण -
बालक - बालकपन
लड़का - लड़कपन
मानव - मानवता
स्त्री - स्त्रीत्व
पुरुष -पुरुषत्व आदि।

विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाने के उदाहरण -
वीर - वीरता
सुंदर- सुंदरता
लाल - लाली
आलसी - आलस्य
 मीठा - मिठास
कड़वा - कड़वाहट

सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाने के उदाहरण :-
अपना - अपनापन
पराया -परायापन
आप - आपा
निज - निजत्व
 स्व - स्वत्व


क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाने के उदाहरण-
पालना - पालन
धोना - धुलाई
सजना - सजावट
मारना - मार
उड़ना - उड़ान
बनाना - बनावट
लिखना - लिखावट


सर्वनाम
- संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। यथा---- मैं, हम, तुम, तू, वह, यह आदि सर्वनाम है।
सर्वनाम के एकवचन तथा बहुवचन रुप होते हैं-
एकवचन = मैं, तुम, वह, यह आदि।
बहुवचन = हम, आप, वे, ये, इन्हें, उन्हें आदि।

सर्वनाम के भेद - सर्वनाम के 6 भेद होते हैं-
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम

1. पुरुषवाचक सर्वनाम- जिस सर्वनाम से कहने वाले, सुनने वाले  तथा जिसके बारे में बात की जा रही है, उसका ज्ञान होता हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे - मैं, तुम, वह, वे आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं-

I उत्तम पुरुष सर्वनाम-  बोलने वाला अपने लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग करता है, उसे उत्तम पुरुष सर्वनाम कहते हैं जैसे मैं, हम, मेरा, हमारा आदि।

 ii  मध्यम पुरुष सर्वनाम - बोलने वाले के द्वारा सुनने वाले के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है कोमा उसे मध्यम पुरुष सर्वनाम कहते हैं। जैसे तू , तुम, आप आदि।

 iii  प्रथम पुरुष सर्वनाम - इसे अन्य पुरुष सर्वनाम भी कहते हैं। बोलने वाला सुनने वाले के अलावा किसी अन्य के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग करता है कोमा उसे प्रथम पुरुष सर्वनाम या अन्य पुरुष सर्वनाम कहते हैं। जैसे - वह, वे, यह, ये आदि।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम - जो सर्वनाम किसी निश्चित वस्तु कोमा व्यक्ति अथवा स्थान की ओर संकेत करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे -मेरी, तुम्हारी, इसने, उसने आदि।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम - जिस नाम से किसी निश्चित संज्ञा का बोध नहीं होता हो, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे - कोई, किसी, कुछ आदि।

4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम - जो सर्वनाम शब्द वाक्य में प्रयोग किए गए दूसरे सर्वनाम या संज्ञा शब्द से संबंध बताने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, वे संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे जो,  जैसा,  वैसा, उसका,जिसका आदि।
जो करेगा, वो भरेगा।
जैसी करनी, वैसी भरनी।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम - जो सर्वनाम प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे कौन, कहां, क्या आदि।

6. निजवाचक सर्वनाम - जो सर्वनाम शब्द कर्ता के द्वारा अपने स्वयं के लिए प्रयोग में लिए जाते हैं, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे अपना, अपनी, अपने-आप, आप, खुद, स्वयं आदि।

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